बेतुका है शिवानन्द का बयान

पूर्व सांसद शिवानन्द तिवारी उर्फ़ बाबा ने  लालू प्रसाद यादव के पक्ष में अगर सिर्फ बयान दिया होता और अपनी वफादारी का दिखावा करने की कोशिश की होती तो किसी को ऐतराज नहीं होता |लेकिन उन्होंने लालूजी के पक्ष में जो तर्क दिए हैं उन्हें देखकर सिर्फ इतना ही कहा जा सकता है कि ,सचमुच ही राजनीतिज्ञों का कोई दीं – ईमान नहीं होता | बाबा ने कहा है कि ,”यदि लालूजी को सजा देने से भ्रष्टाचार खत्म हो जाता है तो उन्हें फांसी पर चढ़ा देना चाहिए “| यह बयान उसी शिवानन्द तिवारी ने दिया है जिसने चारा घोटाले में लालू को सजा देने की मांग गला फाड़ – फाड़ कर किया था और सरयू राय तथा शुशील मोदी के साथ मिलकर कोर्ट में प्रतिवेदन दिया था |ये बात अलग है कि आज उनके सुर एकदम बदले हुए हैं जिसका मुख्य कारण शायद यह है कि उनके पुत्र राजद विधायक बन चुके हैं |उनकी मजबूरी समझ में आ सकती है लेकिन किसी सजायाफ्ता और दोषी के प्रति उनकी दलाली नहीं |दूसरी ओर सरयू राय जो आज भी लालू के मित्र हैं अपने स्टैंड पर कायम हैं और कहते हैं कि ,दोषी और भ्रष्टाचारी को सजा मिलनी ही चाहिए |श्री राय फिलहाल झारखंड में मंत्री हैं |रही बात शुशील मोदी की तो उनके स्टैंड में तो पहले से भी ज्यादा मजबूती आ गई है |

बहरहाल ,बात हो रही थी शिवानन्द तिवारी की जिन्होंने नब्बे के दशक में लालू पर सिर्फ मुकदमा ही दर्ज नहीं किया बल्कि उन्हें भ्रष्टाचारी साबित करने में कोई कोर -कसर नहीं छोड़ी थी |आज उनका कहना है कि ,उन्होंने सब कुछ उस वक़्त के समता पार्टी लीडर जॉर्ज फर्नांडीस के कहने पर और उनके दबाव में किया था |अगर इसे सच मान लिया जाए तो क्या आज जो वो बयान दे रहे हैं वो सब लालूजी के दवाब में ?बड़ा ही बेतुका है उनका लालू के बचाव में दिया गया बयान |बाबा, इसे तर्क नहीं कुतर्क कहते हैं |अगर आपकी इस दलील को मान लिया जाए  कि ,किसी भ्रष्टाचारी को सजा देने से देश में भ्रष्टाचार खत्म नहीं हो जाएगा फिर हर उस व्यक्ति को सज़मुक्त कर देना होगा जो किसी भी किस्म के अपराध की सजा भुगत रहा है, या फिर जिस पर कोई मुकदमा चल रहा है |घूसखोर भी ऐसी ही दलील देंगे ,बलात्कारी और कातिलों के शुभचिंतक भी आप जैसी ही दलील देंगे |ऐसे में तो फिर देश में न तो पुलिस की जरूरत होगी और न ही कोर्ट की |अब रही बात आपके उस आरोप की कि ,सब कुछ भाजपा के इशारे पर हो रहा है क्यूंकि भाजपा लालूजी को कमज़ोर करना चाहती है |आप स्वयं ये बता दें कि ,देश में वो कौन सी राजनीतिक पार्टी है जो अपनी विपक्षी पार्टी पर आरोप नहीं लगाती और फिर यह भी कि ,देश में ऐसे कितने नेता हैं जो अपने विरोधी को सशक्त करने का प्रयास कर रहे हैं |सत्य तो यह है कि ,देश में आज हर विपक्षी नेता सुबह से शाम तक भाजपा और नरेन्द्र मोदी के नाम की माला जप रहा है और जूता है इस कोशिश में कि कैसे जल्द से जल्द केंद्र सरकार को पटखनी दी जाये |ये बात अलग है कि आज की तारीख में ये नामुमकिन है और शायद  इसीलिए विपक्ष एक बार फिर से विपक्षी एकता का राग अलापने लगा है |बाबा ,आप भाजपा पर जितने चाहें तीर चलायें ,लालूजी को ‘ भगवान् का अवतार ‘ भी बताये ,लेकिन भगवान् के लिए ऐसे कुतर्क न दें जिसका गले से नीचे उतरना नामुमकिन हो |हर भ्रष्टाचारी और दोषी को उसके अपराध की सजा मिलेगी ,मिलनी भी चाहिए |यही है न्याय और लोकतंत्र का तकाजा |वैसे एक बात चलते -चलते और ,कि आपकी इस लालू भक्ति में कुछ तो ऐसा जरूर है जिसका रंग अभी साफ़ नहीं है |

One thought on “बेतुका है शिवानन्द का बयान

  • May 11, 2017 at 3:15 am
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    शिवानन्द के बारे में एक कहावत ठीक बैठता है-जिधर देखा माड़ उधर छान दिया ,,,,,,,।

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