मेडिकल कालेज की मान्यता होगी रद्द
सूबे के मुखिया नीतीश कुमार के सात निश्चय पर हर तरफ से गाज गिर रही है, अभी हाईकोर्ट ने सात निश्चय पर सरकार को तलब किया ही है तो दूसरी तरफ शिक्षा के क्षेत्र में मेडिकल काउंसलिंग ऑफ इंडिया ने (MCI) सूबे के तिन कॉलेजो का आपत्ति स्वास्थ मंत्रालय को दर्ज कराई है और सिफारिश की है की इन कॉलेजो में नए प्रवेश पर रोक लगा दी जाए।
सरकार की सात निश्चय की पोल खोलती बेतिया मेडिकल कॉलेज की ये दुर्दशा, ये रिपोर्ट दंग और हैरान कर देगी आपको की सरकार के सात निश्चयों में शामिल शिक्षा का बेतिया मेडिकल कॉलेज में क्या हॉल है।
बेतिया गवर्मेंट मेडिकल कालेज पर एमसीआई ने खराब गुणवक्ता बता शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।बेतिया मेडिकल कॉलेज पर MCI ने स्वास्थ मंत्रालय को नए ऐडमिशन पर रोक लगाने की और मान्यता रद्द करने की सिफारिश की है।
पिछले महीने MCI ने कॉलेज जांच के लिए विशेषज्ञो की टीम भेजी थी।MCI की रिपोर्ट के अनुसार बेतिया मेडिकल कॉलेज में 18 कमियां पाई गई थी।
शिक्षको की कमी 35 फ़सीदी थी, रेजिडेंट डाक्टरों की कमी 10 फीसदी थी।
पश्चिमी चंपारण के सरकारी मेडिकल कॉलेज चार साल से चल रहा है लेकिन अभी तक सिटी स्कैन मशीन भी नही लग पाई है।इसके अलावा नर्स,पारामेडिकल स्टाफ व् अन्य संसाधनों में कमी पाई गई थी।
MCI ने जांच में शिक्षक, डाक्टर, और संसाधनों की भारी कमी पाई है।MCI ने मंत्रालय से नए ऐडमिशन पर रोक लगाने की सिफारिश की है।
प्राचार्य डॉक्टर राजिव रंजन का कहना है की पहले कॉलेज इंफ्रास्टक्चर के लिए सरकार ने 800 करोड़ पास किया था फिर बाद इसे घटाकर 600 करोड़ किया गया जिसमे सालो लग गए।
ये सही है की कॉलेज में कुछ कमियां है जिसे दूर किया जा रहा है । बहुत जल्द सब सही हो जाएगा और नए सत्र में हमे ऐडमिशन का आदेश मिल जाएगा, ये कहना है प्राचार्य का।
लेकिन सच्चाई तो ये है कहने के लिए ये मेडिकल कॉलेज है यहा छात्र छात्राओ को किसी भी तरह की कोई सुविधा उपलब्ध नही है।न ही बिजली की कोई सुविधा है न ही छात्राओ को पिने के लिए शुद्ध पानी।
कॉलेज परिसर में सुवरो का चारागाह है तो गन्दगी और कूड़ा कचरा का अम्बार लगा हुआ है।
एक ही कमरे में पांच पांच छात्रो को रहना पड़ता है।
जब कॉलेज की एक छात्रा कहती है लाइट न होने की सूरत में हमे टार्च जलाकर आपरेशन करना पड़ता है।
तो निश्चित तौर पर यहां सरकार के दावे का पोल खुल जाती है।
अगर स्वास्थ मंत्रालय ने MCI की रिपोर्ट को सही मानकर सूबे के तिन कॉलेजो पर गाज गिराती है तो सरकार के सात निश्चय जमिंजोद हो जाएंगे,क्योकि एक तरफ हाईकोर्ट सात निश्चय पर सरकार को फटकार लगा रही है दूसरी तरफ MCI मेडिकल कॉलेज का मान्यता रद्द करने की सिफारिश कर रही है।