युद्ध के बादलों के बीच जी-20 में आमने-सामने आए मोदी-जिनपिंग, की एक दूसरे की तारीफ
जी २० शिखर सम्मलेन की मुख्य बातें
- जर्मनी के हैम्बर्ग में जी-20 शिखर सम्मेलन शुरू हो चुका है और सम्मेलन के शुरुआती सत्र में ब्रिक्स देशों के नेताओं की अनौपचारिक बैठक में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग आमने-सामने आए। यहां अपने संबोधन में दोनों ने ही एक दूसरे की तारीफ की। जहां चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा कि ब्रिक्स सम्मेलन में भारत द्वारा आतंक से निपटने के लिए जो मजबूत संकल्प पेश किया वो सराहनीय है।
- पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति जिनपिंग की चेयरमैनशिप में ब्रिक्स में सकारात्मक मोमेंटम दिखा है। उन्हें अगली ब्रिक्स समिट के लिए शुभकामनाएं। इससे पहले पीएम मोदी सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जर्मनी के हैम्बर्ग पहुंचे।
- दोनों की मुलाकात को लेकर चीन के बयान के बाद भारत ने भी इससे इन्कार किया है लेकिन कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार यह मुलाकात अब भी संभव है।
- मोदी और चिनपिंग के बीच गैर आधिकारिक तौर पर मुलाकात की संभावना से अब भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। इसके पीछे पहला कारण यह बताया जा रहा है कि समूह-20 देशों के प्रमुखों की बैठक की रूपरेखा बहुत अनौपचारिक होती है। दिनभर चलने वाली बैठकों में विभिन्न देशों के नेता एक-दूसरे से कई बार टकराते हैं। कई बार उनके बीच तय नहीं होने के बावजूद लंबी बातचीत हो जाती है।
- यह भी ध्यान रखने वाली बात है कि मोदी और चिनपिंग एक बंद कमरे में रूस, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के राष्ट्रपति के साथ ब्रिक्स की बैठक करेंगे। इसमें भी द्विपक्षीय मुलाकात की संभावना होती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मोदी और चिनपिंग मौजूदा तनाव को दूर करने के लिए कूटनीतिक दायरे से बाहर निकलने का माद्दा दिखाते हैं या नहीं।
- चीन के विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा था कि दोनों देशों के प्रमुखों के बीच मुलाकात के लिए यह सही माहौल नहीं है। भारत जल्द-से-जल्द अपनी सेना चीन की सीमा से वापस बुला कर शांति स्थापित करने में मदद करे। आधिकारिक तौर पर भारत ने चीन के बयान को खास तवज्जो नहीं दिया है। भारत ने कहा है कि दोनों नेताओं के बीच मुलाकात पहले से तय नहीं थी ऐसे में माहौल ठीक ना होने की बात बेमानी है।