मेरे पति आत्महत्या नहीं कर सकते ,उनकी की गयी है हत्या
मुजफ्फरपुर में दरोगा द्वारा की आत्महत्या के मामले में एक नया खुलासा सामने आ गया है| उनकी पत्नी ने आरोप लगाया है कि ये आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है | उन्होंने एस एस पी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि एक थानेदार की कीमत दस लाख रूपये तय की जाती है और नहीं देने पर स्था्नांतरण कर दिया जाता है और साजिश कर हत्या कर दी जाती है।
मामला जिले के कांटी के पानापुर थाना से जुड़ा है। रविवार को थाने में तैनात दारोगा ने अपने क्वार्टर में ही सुसाइड की घटना को अंजाम दिया था, लेकिन उसकी पत्नी का कहना है कि पैसे के लिए मेरे पति की हत्या हुई है। उन्हें सर्विस रिवॉल्वर नहीं उपलब्ध कराया गया था और दूसरे के सर्विस रिवॉल्वर से आत्महत्या की बात कही जा रही|
मृतक दारोगा की पत्नी का नाम कल्याणी देवी है और उन्होंने थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है, जिसमें बड़ा खुलासा करते हुए लिखा है कि मेरे पति ने आत्महत्या नहीं की बल्कि उनकी साजिश के तहत हत्या हुई है। एफआइआर में लिखा है कि मेरे पति की मृत्यु की सूचना मुझे और मेरे घरवालों को दी गई और हम सबको पुलिस लाइन मुजफ्फरपुर बुलाया गया।
हमारे वहां पहुंचने पर पुलिस अधिकारियों ने यह तक नहीं बताया कि मेरे पति की मौत कैसे हुई और बिना किसी परिजन की सहमति के ही शव का पोस्टमार्टम कैसे करा दिया गया?
खुशमिजाज़ थे वे ,कैसे कर लेंगे आत्महत्या
उन्होंने कहा है कि मेरे पति को कोई पारिवारिक तनाव नहीं था वो खुशमिजाज इंसान थे और इससे पहले भी उन्हें साजिश के तहत फंसाने की कोशिश की गई थी, क्योंकि हाजीपुर में रहते हुए उन्होंने शराब माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाया था, तब उनकी गाड़ी में शराब रखकर उन्हें फंसाने की और उनकी हत्या की कोशिश की गई थी।
एसपी ने मांगा था दस लाख थानाप्रभारी बनाने के लिए
उन्होंने मुझे बताया था कि हम छोटी जाति से आते हैं इसीलिए उच्चाधिकारी हमें हेय दृष्टि से देखते हैं और मेरे साथ बहुत ही रूखा व्यवहार किया जाता है। मेरे पति का तबादला कुछ ही दिनों पहले हाजीपुर से मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाने में किया गया था और मेरे पति को थाना प्रभारी बनाने के लिए मुजफ्फरपुर एसपी ने दस लाख रूपये की मांग की थी, जिसमें से पैंसठ लाख रुपये उन्होंने चुका दिए थे।
इसकी वजह से वहां के एसपी द्वारा उन्हें एक दिन के लिए गायघाट का थाना प्रभारी बनाया गया और पैसा पूरी भुगतान नहीं कर पाने की स्थिति में तुरह हटा दिया गया। ये बातें मेरे पति ने मुझे बताई थीं। मेरे पति का तबादला मुजफ्फरपुर कर दिया गया लेकिन उन्हें अभी तक सर्विस रिवॉल्वर भी आवंटित नहीं किया गया था।
बिना सर्विस रिवॉल्वर कैसे बना दिया थानाप्रभारी
बिना सर्विस रिवॉल्वर के ही एसआइ को थानाप्रभारी कैसे बना दिया गया? एेसी स्थिति में दूसरे स्टाफ की सर्विस रिवॉल्वर से आत्महत्या करने की घटना पूरी तरह विभाग के अधिकारियों की मनगढंत साजिश है। मेरे पति ने आत्महत्या नहीं की बल्कि साजिश कर उनकी हत्या की गई है। इसकी जांच की जानी चाहिए और इस हत्या की पूरी साजिश का पर्दाफाश किया जाना चाहिए।
रविवार को संजय गौड़ ने खुद को मार ली थी गोली
मुजफ्फरपुर के कांटी थाने के पानापुर करियात ओपी में तैनात सीवान के दरौली निवासी दारोगा संजय कुमार गौड़ ने रविवार को गोली मार कर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलते ही एसएसपी विवेक कुमार सहित कई अधिकारी वहां पहुंचे और ओपी में तैनात पुलिसकर्मियों से पूछताछ की।जानकारी के अनुसार 2009 बैच के दारोगा संजय कुमार गौड़ मूल रूप से सीवान जिले के दरौली थाना के मुरा कर्मवार गांव के रहनेवाले थे। मई के अंतिम सप्ताह में उन्हें पानापुर ओपी में तैनात किया गया था। वहीं के दारोगा मोहम्मद हारुण ड्यूटी से लौटकर कपड़ा बदल कर बाथरूम चले गये। उन्होंने अपने सर्विस रिवाल्वर को बेड पर तकिये के नीचे रख दिया था। कमरे से तेज आवाज सुन कर मुंशी ने अंदर झांका तो संजय खून से लथपथ होकर गिरे पड़े थे। पास ही हारुण की पिस्टल पड़ी थी। वरीय अधिकारियों को सूचना देकर उन्हें इलाज के लिए एसकेएमसीएच लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची एफएसएल की टीम ने पिस्टल को जब्त कर खून का नमूना एकत्रित किया।
दारोगा पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी
संजय कुमार गौड़ को विभाग की ओर से उनके आचरण को देख सर्विस पिस्टल नहीं दी गयी थी। उन पर वैशाली जिले के देसरी थाने में शराब पीकर हंगामा करने और पब्लिक पर पिस्टल तानने की प्राथमिकी दर्ज हुई थी।हालांकि जांच में उन्हें निर्दोष पाया गया था। मई में उनका तबादला वैशाली से मुजफ्फरपुर किया गया था। अहियापुर थाने में तैनात रहने के दौरान 26 मई को गायघाट में दुल्हन की पिटाई की घटना के बाद एसएसपी ने संजय को थानाध्यक्ष के पद पर तैनात किया गया था, लेकिन 24 घंटे के अंदर उन्हें हटा कर पानापुर में तैनात कर दिया गया था पुलिस महकमे में संजय के कर्ज में डूबे में होने की चर्चा है। देसरी के ही दो लोगों से छह लाख रुपये लेने की बात सामने आयी है। दोनों लगातार संजय पर पैसा लौटाने का दबाव डाल रहे थे। एसएसपी विवेक कुमार ने बताया कि मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट तैयार की जा रही है।मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराये जाने की अनुशंसा की गयी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी।