सोनिया को “ना” मोदी को “हाँ”-नीतिश
सोनिया गांधी को ‘ना’ बोलने के बाद पीएम मोदी को ‘हां’ कहने से बिहार की राजनीति में एक बार फिर से बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है।राजद नीतीश के इस कदम से नाराज है तो दूसरी तरफ बीजेपी उत्साहित होकर कह रही है…नीतीश NDA में आए स्वागत है।
राजनीति में कुछ भी हो सकता है,एक समय था जब कोई नही कह सकता था कि नीतीश लालू के साथ जा सकते है लेकिन नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़कर लालू से हाथ मिलाया…अब एक बार फिर राजनीति करवट ले रही है या यूं कहें कि इसके संकेत मिल रहे है…शुक्रवार को सोनिया गांधी ने विपक्ष की बैठक बुलाई…न्योता मिलने के बाद भी नीतीश ने बैठक से दूरी बनाए और अपने जगह पर शरद यादव को भेजा…लेकिन आज नीतीश कुमार ने ना केवल नरेंद्र मोदी से मिले बल्कि दोनों ने साथ मे लंच भी किया…अब नीतीश कुमार का यह कदम राजद को पसंद नही आ रहा है।
हालांकि, यह एक औपचारिक भोज और मुलाकात होगी, लेकिन इसे लेकर बिहार का सियासी पारा फिर गर्म हो गया है। जदयू ने इस मामले पर कहा था कि यह राजनीति का विषय ही नहीं है, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकारी कामों में व्यस्त हैं, इसीलिए नहीं जा सकेंगे और आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक सरकारी कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहे हैं।साथ ही जदयू ने कहा कि भाई वीरेंद्र को पार्टी नोटिस नही लेती है।
इन सबके बीच भाजपा इस भोज से काफी खुश है,बीजेपी नेता मानते है कि एक भोज के कारण कुछ साल पहले जदयू और बीजेपी के तल्खी बढ़ी थी,अब आशा है कि आज के भोज के बाद दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ेगी।बीजेपी के वरिष्ठ नेता सी पी ठाकुर मानते है कि नीतीश बीजेपी के साथ ज्यादा कम्फर्टेबल रहते है,राजद के साथ उनकी ट्यूनिंग अभी भी नही बैठ रही है…दुबारा NDA में आए जाए…इसमें सबकी भलाई है और हम इसका स्वागत करते है।
अलग कार्यशैली रही है नीतीश की …नीतीश ने जहां एक ओर जनहित के मुद्दों पर केंद्र सरकार की वाहवाही की तो इसे लेकर उन्हें अपने ही गठबंधन मे विरोध का सामना करना पड़ा। लेकिन, दूसरी ओर उन्होंने केंद्र सरकार की नाकामियों पर भी तंज कसने में देरी नहीं की। सीएम नीतीश कभी किसी भी आलोचनात्मक पचड़े में नहीं पड़ते। कोई कुछ भी कहे, अपने काम में लगे रहते हैं। लेकिन, इस कार्यशैली को लेकर राजनीतिक कयासों को भी हवा मिलती रही है।