विश्व के टॉप १० संस्थानों में कोई भारतीय संस्थान नहीं

ब्रिटेन में हुए एक सर्वेक्षण में दुनिया के टॉप 150 संस्थानों में किसी भी भारतीय संस्थान या यूनिवर्सिटी को जगह नहीं मिली है. गरुवार को जारी की गई ‘क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2018’ में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) लगातार छठे वर्ष टॉप पर कायम है. जबकि अमेरिका के दो अन्य विश्वविद्यालय स्टैनफोर्ड दूसरे पायदान पर और हार्वर्ड तीसरे पायदान पर है. वहीं प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज चौथे स्थान से खिसकर कर पांचवें स्थान पर आ गई है. भारत के दिग्गज संस्थान आईआईटी दिल्ली 172वें, आईआईटी बॉम्बे 179वें और आईआईएससी बैंगलोर 190वें पायदान पर हैं. तो यहां जानते हैं कि क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के 14वें संस्करण में आखिर किन शैक्षणिक संस्थानों को टॉप 10 में जगह दी गई है…

    रैंक  यूनिवर्सिटी
    1 मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (अमेरिका))
    2 स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (अमेरिका)
    3 हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (अमेरिका)
    4 कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (अमेरिका)
    5 यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज (यूनाइटेड किंगडम)
    6 ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (यूनाइटेड किंगडम)
    7 यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूनाइटेड किंगडम)
    8 इंपीरियल कॉलेज लंदन (यूनाइटेड किंगडम)
    9 यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो (अमेरिका)
   10 ईटीएच ज्यूरिख (स्विट्जरलैंड)

पूरी रैंकिंग देखने के लिए यहां क्लिक करें.

वैश्विक शिक्षा विश्लेषक QS Quacquarelli Symonds ने दुनिया की टॉप 959 यूनिवर्सिटीज की लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट को तैयार करने में 75,015 शिक्षाविदों और 40,455 नियोक्ताओं की सलाह ली गई है.

दुनिया भर में लोकप्रिय क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग का निर्धारण शोध, अध्यापन, रोजगार क्षमता और अंतर्राष्ट्रीयकरण जैसे क्षेत्रों में शैक्षणिक संस्थान के प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है. इसमें अकादमिक प्रतिष्ठा को 40 प्रतिशत, नियोक्ता की छवि को 10 प्रतिशत, छात्र-अध्यापक अनुपात को 20 प्रतिशत, साइटेशन प्रति फैकल्टी को 20 प्रतिशत, इंटरनेशनल फैकल्टी अनुपात को 5 प्रतिशत व इंटरनेशनल स्टूडेंट अऩुपात को 5 प्रतिशत वेटेज दिया जाता है.

हायर एजुकेशन में प्रवेश करने जा रहे स्टूडेंट्स के लिए क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग कई तरह से फायदेमंद है. इससे उन्हें पता लग जाता है कि कौन सा शिक्षण संस्थान कितने पानी में है. विदेश जाकर पढ़ाई करने की योजना बना रहे विद्यार्थियों के लिए यह काफी मददगार है.

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