अब बच्चा बैंक

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बैंक मैनेजर की सैलरी 1500 रुपये और किरानी पाते हैं पांच सौ रुपये। ये किसी बैंक पर पड़ी मंदी की मार नहीं है। यह सैलरी है पटना बच्चा बैंक के अधिकारियों की। इस अनूठे बैंक में बच्चे ही खाता खुलवा सकते हैं और अधिकारी भी बच्चे हैं।

बचपन के खेल आपने भी खेले होंगे। गुड्डे गुड़िया और राजा रानी के खेल। लेकिन काऊंटर पर पैसा ले रहा ये बच्चा बैंक बैंक नहीं खेल रहा। यह सचमुच बच्चा बैंक का अधिकारी है। यहाँ कतार लगा कर पैसे जमा करते ये बच्चे इस बैंक के सदस्य। पटना शहर में यह अनूठा बैंक बच्चों को खूब भा रहा है। बच्चों में बचत की आदत डालने के लिये साल भर पहले इस बच्चा बैंक की शुरुआत हुई। जल्दी ही यह बच्चों के बीच खेल खेल में बचत की आदत की शुरुआत ने रंग दिखाया और आज इसके हज़ार से उपर सदस्य हैं।

इस बैंक में हर तरह के बच्चे पैसा जमा करते हैं। बड़े घरों के बच्चों से लेकर मज़दूर बच्चे भी। कोई भी बच्चा जिसकी उम्र 16 साल से कम हो वो इसका सदस्य बन सकता है। यहाँ खाता खोलने के लिये दस रुपये लिये जाते हैं। बच्चों को पासबुक भी दिया जाता है। मंगलवार से शुक्रवार तक दो से तीन और शनिवार और रविवार को पूरे दिन खुले रहने वाले इस बैंक का सारा काम काज भी बच्चे ही निपटाते हैं। यहाँ बच्चों को उनकी बचत पर 8% का ब्याज़ भी दिया जाता है। एक एनजीओ की सहायता से चलाये जा रहे इस बैंक में बच्चों को उनकी जरुरतों के लिये लोन भी मिलता है।

बच्चा बैंक की शुरुआत 2005 में हुई थी।12 सालो से यह बैंक चल रहा है जो आज काफी लोकप्रिय हो चुका है…56 लाख रुपये का लेन देन हुआ है…अब भी बैंक में बच्चों के पैसे करीब 8 लाख रुपये है…नोटबन्दी के दौरान भले ही सभी बैंकों की स्थिति खराब हो गई थी लेकिन बच्चा बैंक उस दौरान भी आराम से चल रहा था,ना कोई भीड़ और ना ही कोई मारामारी।इस बैंक के संचालक करने वाले NGO किलकारी के अधिकारी भी आज बैंक की सफलता को लेकर काफी खुश है।

इन बच्चों के हौसलों में उड़ान है। खेलने कूदने की उम्र में बचत और पैसे की अहमियत को जानने की इच्छा इन बच्चों का भविष्य भी सुंदर बना सकती है।

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