आप के फर्जी आरोपों की आयोग ने धज्जियां उड़ाई।

ई वी एम् में गड़बड़ी का शोर मचाने वाली राजनीतिक पार्टियों की सच्चाई अब जनता के सामने आ गई है क्यूंकि अब उनकी हिम्मत चुनाव आयोग की खुली चुनौती के आगे जवाब दे गई है |पांच राज्यों में हुए विधान सभा चुनाव और उनमे भाजपा की जबरदस्त सफलता के बाद कांग्रेस सहित बसपा ,सपा ,राजद ,तृणमूल कांग्रेस और सबसे ज्यादा आप ने ई वी एम् में गड़बड़ी का शोर मचा रखा था |इन पार्टियों को वाम पंथी पार्टियों सहित कुछ अन्य विपक्षी पार्टियों का भी नैतिक समर्थन मिल रहा था |सभी की एक ही शिकायत थी और एक ही आरोप था कि ,भाजपा की प्रचंड जीत ई वी एम् में गड़बड़ी के कारण हुई है |ये वही पार्टियां हैं जो स्वयं भी इसी ई वी एम् पद्धति से भारी बहुमत हासिल कर सत्ता में आ चुकी हैं |यानी जब खुद जीते तो ई वी एम्  मशीन ठीक और हारे तो चुनाव आयोग पर ही सवाल |काफी हील -हवाला और आरोप -प्रत्यारोप से जब मन नहीं भरा तो चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर ही उंगली उठा दी |आप पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सी एम् अरविन्द केजरीवाल ने तो सबसे ज्यादा प्रलाप और ड्रामा किया |मर्यादा की तमाम सीमा लांघते हुए उन्होंने चुनाव आयोग को दुर्योधन की संज्ञा तक दे दी |यहीं तक नहीं रुके केजरीवाल बल्कि दिल्ली विधान सभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाकर अपने ही विधायक और “देश के जाने – माने ई वी एम् विशेषग्य ” भारद्वाज साहब से पूरे दिन ई वी एम् की “गड़बड़ी ” का नाटक दिखा कर देश को अपने पक्ष में करने की नाकाम कोशिश भी की |यह कोशिश सिर्फ नाकाम ही नहीं बल्कि निहायत ही फूहड़ भी थी |उसके बाद वही हुआ जो होना चाहिए था |चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को बुला कर मशीन को गड़बड़ करने की खुली चुनौती दे डाली |एन  डी ए सरकार में शामिल सभी दलों सहित देश के कुच्छ अन्य दलों ने भी चुनाव आयोग और उसकी मौजूदा चुनाव पद्धति पर अपनी मुहर लगा दी |इसके बावजूद आप ,बसपा , सपा, कांग्रेस और तृणमूल व  राजद ने अपने झूठ की रत लगाना जारी रखी |इसके बाद चुनाव आयोग ने चुनावी पद्धति की ईमानदारी और पारदर्शिता परखने के लिए सभी दलों को एक और आमंत्रण दिया है |उसने खुली चुनौती देते हुए सभी दलों से अपने तीन-तीन विशेषज्ञ भेजने को कहा है जो तीन जून को चुनाव आयोग पंहुच कर ई वी एम् से छेड़ -छाड़ करके दिखा सकते हैं |अब ये चुनौती ही एससी थी कि आरोप की राजनीति पर टिकी पार्टियों के हाथ से तोते उड़ गए |उन्हें लगा की अब उनकी असलियत और उनके आरोप की असलियत की कलई खुल के रहेगी |चुनाव आयोग ने कहा है कि सभी दलों के सदस्यों को ई वी एम् से छेड़ -छाड़ साबित करने के लिए चार घंटे का समय दिया जाएगा |इस दौरान पार्टी के प्रतिनिधि ई वी एम् की कंट्रोल यूनिट और बैलेट यूनिट के बटन दबाकर छेड़ -छाड़ करने के लिए स्वतंत्र होंगे |वे ब्लू टूथ और मोबाइल के जरिये भी अपनी बात साबित करने को स्वतंत्र होंगे |इस दौरान अगर मशीन बंद हो जाती है तो इन पार्टियों का गड़बड़ी का दावा अपने – आप खारिज हो जाएगा |पार्टियों को मशीन खोलने या पुर्जे बदलने की छूट नहीं होगी |

ज़ाहिर है , इस खुली चुनौती पर खरा उतरना आरोप लगाने वाली किसी भी पार्टी के लिए नामुमकिन है |शायद इसीलिए अब तक किसी भी पार्टी ने अपने प्रतिनिधि का नाम चुनाव आयोग के पास नहीं भेजा है |इसके लिए सिर्फ एक दिन ही बाकी रह गया है | ढीठपने की हद पार कर चुकी और अपने आरोप की असलियत जान चुकी आप पार्टी अब यह चाहती है कि चुनाव आयोग ही उसे विशेषज्ञ मुहैय्या कराये और उन्हें मशीन के साथ छेड़ -छाड़ की इजाजत भी दे |दरअसल आप पार्टी को अपनी औकात और असलियत दोनों का बखूबी अंदाज़ा हो गया है |अब वो अपने “सुपर इन्जीनिअर ” भरद्वाज को लेकर क्यूं नहीं जा रही जो दिल्ली विधान सभा में खुलेआम दावा कर चुके हैं कि वे किसी भी ई वी एम् मशीन को चंद सेकेंडों में हैक करके दिखा देंगे |चुनाव आयोग को शायद अब सख्त कदम उठाने की सख्त जरूरत है ताकि भविष्य में कोई भी राजनीतिक पार्टी चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक और सशक्त व निष्पक्ष संस्था पर आरोप लगाने का दुस्साहस न कर सके |फ़िलहाल तो आरोप लगाने वाले दलों की हकीकत सबके सामने आ चुकी है |

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