सिर्फ बैटिंग से नैया पर नहीं होगी
ओवल में जो कुछ हुआ और जिस तरह हम श्रीलंका से हार गए वह सिर्फ एक पराजय नहीं बल्कि एक सबक है |सबक है कि ,सिर्फ बैटिंग के बल पर आप बड़े टूर्नामेंट में उन टीमों से कभी नहीं जीत सकते जो आपसे बहुत ज्यादा कमज़ोर नहीं |हमने अपने दोनों ही मैचों में काफी दमदार बैटिंग की और ३०० से ऊपर रन बनाये |यह स्कोर विपक्षी टीम पर दवाब बनाने के लिए पर्याप्त है |लेकिन जब हम अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में उतरते हैं तो हमें खेल के तीनो विभाग में श्रेष्ठ प्रदर्शन करना होता है | यानि ,बैटिंग के साथ -साथ फील्डिंग और बॉलिंग में भी |थोड़ी सी कमज़ोर गेंदबाजी चल सकती है ( कभी – कभार ) लेकिन फील्डिंग अव्वल दर्जे की होनी चाहिए |बदकिस्मती से पाकिस्तान और श्रीलंका दोनों ही टीमो के खिलाफ हमारी फील्डिंग औसत से ऊपर नहीं उठ सकी | पाकिस्तान के पास बहुत अच्छी बैटिंग नहीं थी (खासकर मध्यक्रम ) इसलिए हमें एक आसान जीत मिल गई थी ,लेकिन श्रीलंका के साथ हमें उस बात का फायदा नहीं मिल सका |श्रीलंका टीम काफी हद तक हमारी ही तरह खेलती है | जब सामने वाली टीम भी लगभग वैसे ही खेले जैसे की आप ,तो फिर गेंदबाजी में विविधता और बेहद चुस्त फील्डिंग की दरकार होती है |हमें यह मान कर मैदान पर उतरना होगा कि चैंपियंस ट्रॉफी में कोई भी टीम कमजोर नहीं और हम किसी से भी हार सकते हैं और किसी को भी हरा सकते हैं | ये बात निर्भर करती है आपके टीम संतुलन और रणनीति पर |निर्धारित ओवर के मुकाबलों में क्षेत्र रक्षण में कुछ बंदिशें होती हैं जो सभी टीमों के लिए सामान हैं | ऐसे में कप्तान के लिए गेंदबाज को फील्ड के मुताबिक गेंदबाजी की हिदायत देना लाज़िमी है |या फिर गेंदबाज के हिसाब से क्षेत्र रक्षण की सजावट | इसके लिए विपक्षी टीम के मुख्य बल्लेबाजों के वीडियो गंभीरता से और बार -बार देखना ज़रूरी है | इससे उस बल्लेबाज की कमजोरी का फायदा उठाया जा सकता है |श्रीलंका के विरुद्ध मैच में इसका अभाव नज़र आया |कई मौके ऐसे आये जब हमारे गेंदबाजों ने श्रीलंकाई बल्लेबाजों को उसी जगह गेंद फेंकी जहां वह चाहते हैं |सिर्फ स्पीड या स्पिन से इतने बड़े मैच नहीं जीते जाते |बल्लेबाज के दिमाग को पढना बेहद जरूरी हो जाता है , बदकिस्मती से हमारे गेंदबाज ऐसा नहीं कर पाए |यही वजह थी कि श्रीलंकाई बल्लेबाज चढ़ कर खेले और गेंदबाजों को साधारण साबित कर दिया |तीन सौ से ज्यादा का स्कोर होने के बावजूद भारतीय गेंदबाज श्रीलंका का सिर्फ एक विकेट ही गिरा सके |उनके बाकी दो खिलाडी रन आउट हुए |यह सचमुच चिंता की बात है |वैसे भी हम इस टूर्नामेंट के गत चैंपियन हैं ,और इसीलिए हमसे उम्मीद भी ज्यादा है और हम पर दबाव भी ज्यादा |क्रिकेट के खेल का सीधा फंडा है कि , कैच पकड़ो मैच जीतो |इसके साथ ही तीन की जगह दो और दो की जगह एक रन दो |कुल मिलाकर यह बात साफ़ है कि ,भारत के लिए आगे की राह आसान नहीं | उसका अगला मुकाबला दक्षिण अफ्रीका से है ,जो फील्डिंग और बॉलिंग में काफी संतुलित और शक्तिशाली है |अगर हमें उसे हराना है तो बैटिंग के साथ -साथ हमें फील्डिंग और बॉलिंग में भी उसे पछाड़ना होगा |अंतिम चार में जगह बनाने के लिए हर हाल में हमें जीत की दरकार है |