सांसद शरद यादव ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से किनारा कर लिया
जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद शरद यादव ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से किनारा कर लिया है। शरद 19 अगस्त को पटना में हो रही जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी शामिल होंगे। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि पार्टी ने शरद यादव को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल होने का आमंत्रण भी दे दिया है। वह शामिल भी होंगे।
भाजपा के साथ बिहार में सरकार बनाने के जदयू के फैसले से शरद यादव नाराज चल रहे हैं। इसके खिलाफ उन्होंने सार्वजनिक रूप से कुछ वक्तव्य भी दिये हैं। इसी क्रम में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने उन्हें अपने साथ आने का आमंत्रण दिया था। राजद का दावा था कि आठ अगस्त को शरद पटना आ रहे हैैं। वे नीतीश कुमार के खिलाफ चंपारण सेे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की शुरू हो रही यात्रा में शामिल होंगे।
पर शरद यादव ने तेजस्वी के साथ किसी यात्रा में शामिल होने की बात से इन्कार किया है। उन्होंने कहा है कि आठ को वह पटना नहीं जा रहे। नयी पार्टी बनाने की बात भी बेबुनियाद है।
दिल्ली में गुरुवार को राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह और राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने शरद यादव से भेंट की थी। इस मुलाकात के दिल्ली में हो रहे ‘साझा विरासत कार्यक्रम’ के सिलसिले में थी। भाजपा विरोधी 17 राजनीतिक दलों की ओर से यह कार्यक्रम हो रहा। इसमें वाम दल, यूपीए की पार्टियां और बीजद के नेता शामिल होने वाले हैं।
नेताओं का कहना है वह आयोजन नीतीश कुमार के खिलाफ नहीं है, इसलिए शरद यादव उसमें शमिल हो सकते हैैं। 18 को वह फिर पटना आ जाएंगे।
शरद यादव अब 10 अगस्त को पटना आ रहे हैं। 13 तक बिहार के अलग-अलग जिलों में अपने समर्थकों के साथ बैठक करेंगे। 10 को उनका मुजफ्फरपुर जाने का कार्यक्रम है, जहां वह यूपीए से जुड़े लोगों से भी मिलेंगे। मुजफ्फरपुर के अतिरिक्त वह हाजीपुर, दरभंगा, मधेपुरा और सुपौल भी जाएंगे। जदयू के सूत्रों का कहना है कि भाजपा के साथ सरकार बनाए जाने के बाद भी नीतीश कुमार ने शरद यादव से बात की है। नीतीश कुमार और शरद यादव के बीच की संवादहीनता नहीं है। लगातार बातें होती रहीं हैैं। जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शरद यादव को अपनी उन बातों को कहनेे का मौका भी दिया जाएगा कि आखिर उनकी नाराजगी की वजह क्या है?