टुकड़ा टुकड़ा इश्क:अधूरी दास्तां
लप्रेक-1 वह अचानक से आकर मेरे सामने बैठ गई थी। मैं थोड़ा हकबका गया,क्योंकि चेहरे की मुस्कुराहट और नजर की
Read moreलप्रेक-1 वह अचानक से आकर मेरे सामने बैठ गई थी। मैं थोड़ा हकबका गया,क्योंकि चेहरे की मुस्कुराहट और नजर की
Read moreहम आज ऑटो में बैठकर एयरपोर्ट के रेस्टुरेंट में जा रहे थे। बारिस अभी अभी खत्म हुई थी।हवा की ठंडक
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