CAA के विरोधी दलित विरोधी हैं-गोपाल नारायण सिंह
राज्यसभा सांसद और बिहार भाजपा के पूर्व अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह ने सी ए ए विरोधियों पर हमला बोलते हुए कहा किजो भी लोग सीएए का विरोध कर रहे हैं वे दलित विरोधी हैं क्योंकि इन देशों से आए हुए अधिकांश अल्पसंख्यक दलित वर्ग से आते हैं और दशकों से वहां जानवरों का जीवन जी रहे थे । उन्हें मूलभूत मानवीय अधिकार से भी उन देशों में वंचित कर दिया गया था।उन्हें वहां के बहुसंख्यक समाज और सरकार दोनों ही के घोर भेदभाव का शिकार बनाते हैं। कांग्रेस और वामपंथी पार्टियां इस एक्ट का विरोध कर ऐतिहासिक भूल कर रही हैं जिसके लिए देश उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।
सी ए ए एक ऐसा कानून है जो पाकिस्तान बांग्लादेश अफगानिस्तान के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को वैध रूप से भारत की नागरिकता प्रदान करता है। प्राचीन काल से ही भारत दूसरे देशों के प्रताड़ित धर्म के लोगों की शरण स्थली रही है । स्वामी विवेकानंद ने भी कहा था कि भारत में दुनिया के किसी भी भाग के वैसे लोग शरण लेते रहे हैं जो धार्मिक व नस्ली रूप से प्रताड़ित होते रहे है । लेकिन विरोधीअपने क्षुद्र राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस बिल का विरोध कर घोर अमानवीय कार्य कर रहे हैं।
यही लोग जो आज सीएए का विरोध कर रहे हैं पिछले दिनों रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में बसाने के लिए आसमान सर पर उठाए हुए थे। उनके इस विरोध से भारत की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब हो रही है। इस बिल में कहीं से भी मुसलमान शब्द का प्रयोग भी नहीं किया गया है तो फिर यह बिल मुसलमान विरोधी कैसे हो गया यह समझ से परे है।
इस बिल के जरिए नागरिकता देने का प्रावधान है ना कि लेने का लेकिन कांग्रेस वामपंथी और टुकड़े-टुकड़े गैंग ने गलत तरीके से लोगों को बरगला कर हिंसा करवाने का काम किया है । जब ये लोग लोकतांत्रिक तरीके से भाजपा का मुकाबला नहीं कर सके तो गलत तथ्यों का प्रचार कर और लोगों को बरगला कर सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ रहे हैं और समाज को बांटने का काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों का सामाजिक स्तर पर प्रखर विरोध करना चाहिए ।
मेरी आम जनता से अपील है कि इस एक्ट के संदर्भ में फैली हुई भ्रांतियों के निराकरण में सहयोग करें और एक अत्यंत महत्वपूर्ण और निर्णायक घड़ी में राष्ट्र निर्माण में अपना सक्रिय योगदान दें।