बर्थडे पे लालू को मिला दो पुल का तोहफा

राजद सुप्रीमो ने इस मौके पर कहा कि नीतीश का देखा हुआ सपना आज साकार हो गया है. उन्होंने कहा कि आज मेरा जन्मदिन भी है मैं बहुत खुश हूँ. विरोधी हमेश पूछते हैं कि नीतीश के साथ संबंध ठीक हैं न. मैं कितना सफाई देता रहूँ. महागठबंधन एकजुट है. और विकास का कार्य कर रही है. हमें किसी चीज का लालच नहीं हैं. हम वादा निभा रहे हैं.
बता दें कि इन पुलों के उद्घाटन से बिहार ने इतिहास रच दिया है. मई 1982 में उत्तर बिहार को दक्षिण बिहार से जोडऩे के लिए महात्मा गांधी सेतु का उद्घाटन हुआ था. इसके पहले 1959 में मोकामा स्थित राजेंद्र सेतु खुला था. इनके अलावा उत्तर बिहार से दक्षिण बिहार के संपर्क के और कोई साधन नहीं थे. 35 वर्षों बाद एक साथ दो पुल के उद्घाटन के साथ उत्तर व दक्षिण बिहार को दो लाइफलाइन मिल गए हैं.
दूरियां कम होंगी और जाम से भी मुक्ति
.दीघा-सोनपुर और आरा-छपरा पुल के आरंभ होने से दूरियां कम हो रही और जाम से भी लोगों को मुक्ति मिलेगी. आरा से जो वाहन पटना होते हुए वाया हाजीपुर मजबूरी में उत्तर बिहार के अलग-अलग शहरों के लिए निकलते हैं उन्हें सवा सौ किमी से भी अधिक कम चलना होगा और पटना आए बगैर वे आरा-छपरा पुल होते हुए उत्तर बिहार के लिए निकल जाएंगे.
पुल के उद्घाटन से पहले खूब हुआ था विवाद
.इन दोनों पुल के उद्घाटन को ले पिछले दो महीने से राजनीतिक बयानबाजी भी खूब हुई. दरअसल, पुलों के निरीक्षण के क्रम में कुछ माह पहले उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने यह कह दिया था कि 11 जून को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का जन्मदिन भी है. इस अवसर पर वे उन्हें इन पुलों के उद्घाटन का भी तोहफा देंगे. दरअसल, जिस वक्त लालू प्रसाद केंद्र में रेल मंत्री थे उसी वक्त उन्होंने दीघा-सोनपुर रेल पुल के सड़क पुल को जुड़वाया था. लेकिन इसके बाद विवाद छिड़ गया था. सुशील मोदी ने खूब हमला किया. भाजपा नेता सुशील मोदी को इस पर ऐतराज था कि लालू प्रसाद को ये पुल का तोहफा कैसे दिया जा सकता है? तेजस्वी ने कहा कि लालू प्रसाद अकेले पुल पर थोड़े चढ़ेंगे। यह तो पूरे बिहार के लोगों को गिफ्ट है.