लालू के पाप का घडा कौन फोडऩे पर उतारू है?
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव इन दिनों अचानक काफी आक्रामक हो गए हैं |वैसे यह उनका बहुत पुराना अंदाज है |जब भी वो चिंतित या अन्दर से डरे हुए होते हैं तो उनकी आक्रामकता बढ़ जाती है |इस बात को उन्हें करीब से जानने वाले उनके शुभचिंतक और आलोचक, दोनों ही जानते हैं |जब से सुप्रीम कोर्ट ने चारा घोटाले में राहत नहीं दी है और उनपर चार मामलों में मुकदमा जारी रखने का आदेश दिया है तभी से उनकी चिंता बढ़ गई है |ये बात अलग है कि लालू अपने चेहरे पर चिंता की उन लकीरों को उजागर नहीं होने देते |वैसे भी वो एक अनुभवी नेता हैं जो कई बार इन हालातों से गुजर चुके हैं |लेकिन ,इसका मतलब यह नहीं है कि परेशानियां उन्हें परेशान नहीं करती |सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मामला अभी तजा -तजा ही था कि भाजपा नेता शुशील मोदी ने उनपर और उनके पूरे कुनबे पर अकूत बेनामी संपत्ति जुटाने की अनगिनत दस्तावेज मीडिया के माध्यम से सार्वजानिक कर दिए |बिहार में ज्यादातर लोग चौंक गए कि गरीबों और दलितों के मसीहा के पास इतनी संपत्ति कहाँ से आ गई |वैसे भी जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के बाद बेनामी संपत्ति पर प्रहार की घोषणा की है लालूजी कुछ परेशान ही चल रहे हैं | उस पर जुल्म ये कि बिहार सरकार के मुखिया और महागठबंधन में उनके साथी नीतीश कुमार भी नोटबंदी की तरह बेनामी संपत्ति के मामले में भी प्रधानमंत्री के कदम को सही बता चुके हैं | इतना ही नहीं नीतीश तो खुले मंच से प्रधानमंत्री से मांग कर चुके हैं कि बेनामी संपत्ति रखने वालों को बख्शा न जाये |इसके अलावा नीतीश की राय ई वी एम् मामले में भी लालूजी से भिन्न है |बात यहीं ख़त्म नहीं होती बल्कि शुशील मोदी और भाजपा द्वारा बेनामी संपत्ति के मामले में लालू और उनके कुनबे पर हो रहे प्रहार पर भी नीतीश ने कुछ कहने या करने से इनकार कर दिया |इस पूरे मामले को नीतीश और उनकी पार्टी ( जद यू ) ने लालू और राजद का मामला बता दिया |नीतीश ने कहा कि सारा मामला केंद्र सरकार के दायरे में आता है अतः वे कोई कदम भी नहीं उठाएंगे |इसके बाद ही केंद्र ने कदम उठा लिया और लालूजी के तमाम ठिकानो पर पटना से दिल्ली तक आयकर के छापे पद गए |वैसे लालूजी ने किसी भी छापे की जानकारी से साफ़ इनकार किया है और इसे महज विरोधियों की साजिश बताया है |ये बात अलग है कि ,उसी दिन से लालू और पूरा राजद सफाई देने में जुटा है |इस मामले में कांग्रेस भी लालूजी के साथ खड़ी है |
लालूजी चीख -चीख कर कह रहे हैं कि भाजपा और नरेद्र मोदी उन्हें कमजोर करने की कोशिश में लगे हैं लेकिन कुछ होने वाला नहीं |अब लालूजी को कौन संझाये कि ,फिलहाल उनकी इतनी राजनीतिक औकात नहीं है कि भाजपा उनसे घबराये |रही बात नरेद्र मोदी की ,तो लालूजी उन्हें कोस तो सकते हैं , उनकी बराबरी करना लालू ले बूते से बाहर है |लालूजी के संवादों की गहराई और सच्चाई उनकी सहयोगी पार्टियां भी अच्छी तरह समझती हैं |मोदी आज की तारीख में न सिर्फ प्रधानमंत्री हैं बल्कि उनकी पार्टी १४ राज्यों में सरकार चला रही है ,और लालू बिहार से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं |पूरा विपक्ष एक साथ आकर लड़ने की कोशिश कर रहा है ताकि भाजपा और मोदी को कमजोर कर सके |अब ऐसे में मोदी लालू को इतना महत्व क्यूं देंगे कि उन्हें कमजोर करने की कोशिश करें |हाँ यह नात सही है कि बिहार में ही कुछ लोग उन्हें या उनकी पार्टी को कमजोर करना चाहते हैं |और वो लोग महागठबंधन से ही हैं , इस बात को लालू भी जानते हैं |पर आज की तारीख में लालू उनका नाम उजागर करने या उन्हें चुनौती देने का साहस नहीं कर सकते |लालू ये भी जानते हैं कि उनके और उनके परिवार के खिलाफ दस्तावेजी प्रमाण किसके माध्यम से भाजपा या शुशील मोदी के पास पंहुच रहे हैं |बड़ी पुराणी कहावत है लालूजी कि ,” अगर कुल्हाड़ी में लकड़ी का दस्ता न होता , तो लकड़ी के काटने का रस्ता न होता “|सारा देश जनता है कि लालूजी के कमजोर या मजबूत होने से भाजपा या नरेद्र मोदी पर कोई असर नहीं पड़ने वाला |