रजनीकांत भी आयेंगे राजनीति में !
दक्षिण भारतीय फिल्मो के बेहद चहेते अभिनेता रजनीकांत फिल्मो के साथ -साथ अब राजनीती के आकाश पर भी छाने की योजना बना रहे हैं |उन्होंने इशारों में इस बात के संकेत भी दिए हैं |कब और किसके साथ इसका खुलासा होना अभी बाकी है |कुछ का कहना है कि वो अपनी पार्टी बनायेंगे जबकि कुछ लोग उनके भाजपा में जाने का कयास लगा रहे हैं |फ़िल्मी सितारों का राजनीति में आना कोई नई बात नहीं है ,खासकर दक्षिण भारत में |वैसे मुंबई से भी ढेरों सितारों ने राजनीति में अपना भाग्य अपनाया है |उनमे से कुछ असफल होने के बाद राजनीती से तौबा भी कर चुके हैं |
बहरहाल , दक्षिण भारत इस मामले में काफी आगे रहा है और वहां के कई सितारे राजनीति के आकाश पर भी पूरी बुलंदी से जगमगाए |तमिल फिल्मो के सुपर स्टार एम् जी आर ने १९७२ में डी एम् के छोड़कर अपनी पार्टी ए आई ए डी एम् के का गठन किया था और १९७७ के विधानसभा चुनाव में भारी मतों से जीतकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बन गए |मुख्यमंत्री बनने वाले वे पहले फिल्म अभिनेता थे |उनका पूरा नाम था …मरुथर गोपालन रामचंद्रन (एम् जी आर )|उनकी लोकप्रियता ने तमिलनाडु के दिग्गज राजनीतिज्ञ एम् करूणानिधि को एक समय लगभग हाशिये पर डाल दिया था |वैसे एम् जी आर ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करूणानिधि की पार्टी से ही की थी |१९७७ के बाद एम् जी आर दो बार और मुख्यमंत्री बने और १९८७ तक (जब उनकी मृत्यु हुई ) पद पर थे |उनकी मृत्यु के बाद जे जयललिता ने पार्टी की कमान संभाली और १९९१ में शानदार जीत दर्ज कर मुख्यमंत्री बनी |जयललिता तमिल फिल्मो की बेहद सफल अभिनेत्री थीं और एम् जी आर की बेहद करीबी भी |जयललिता पांच बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं |इस वक़्त भी तमिलनाडु में उन्ही की पार्टी सत्ता में है |ये बात अलग है कि चुनाव जीतने के कुछ दिनों बाद ही वह काफी बीमार हो गईं और ५ दिसंबर २०१६ को उनकी मृत्यु हो गई |
दक्षिण भारतीय फिल्मो का एक और बहुत बड़ा नाम था नन्द मूरी तारक रामाराव का |लोग उन्हें प्यार से एन टी आर पुकारा करते थे |तेलुगु फिल्मो के वे अब तक के सबसे बड़े सितारे हुए हैं |१९४९ में अपने फ़िल्मी जीवन की शुरुआत करने वाले एन टी आर भगवान् कृष्ण और भगवान् राम के किरदारों को इतनी सरलता और सहजता से निभाते थे कि आम दर्शकों के बीच वह देवता के रूप में पूजे जाने लगे थे |उन्होंने ४०० से भी ज्यादा फिल्मो में काम किया |१९८२ में उन्होंने तेलुगु देसम पार्टी बनाई और तीन बार आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने |१८ जनवरी १९९६ को उनकी मृत्यु हुई |आन्ध्र के मौजूदा मुख्यमंत्री चन्द्र बाबु नायडू उन्ही के दामाद हैं |एन टी आर ने एक बार शक्ति परीक्षण में जिस ढंग से तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी को शिकश्त दी थी उसे भारतीय राजनीती में कभी भुलाया नहीं जा सकेगा |फिलहाल तेलुगु फिल्मों के सुपर स्टार चिरंजीवी और उनके छोटे भाई पवन कल्याण भी अपनी -अपनी राजनीतिक पार्टी बना कर राजनीति में अपना भाग्य आजमा रहे हैं |पवन कल्याण भी जाने -माने अभिनेता हैं |दक्षिण की तरह मुंबई के सितारों को राजनीति का शौक भले न रहा हो लेकिन धीरे – धीरे उनलोगों की दिलचस्पी भी इस क्षेत्र में बढ़ी है |राजसभा सदस्य तो बहुत पहले से होते रहे लेकिन सक्रिय राजनीति में भी अब उनकी दिलचस्पी बढ़ी है |पृथ्वी राज कपूर से नर्गिस दत्त तक अनेकों फिल्मी हस्तियाँ राज्यसभा में रहीं |आज भी जाया बच्चन और रेखा जैसी नामचीन अभिनेत्रियाँ राज्यसभा में हैं |सक्रिय राजनीती करने वालों में स्व. सुनील दत्त ,राजेश खन्ना ,अमिताभ बच्चन ,गोविंदा ,धर्मेन्द्र,राज बब्बर ,स्व.विनोद खन्ना ,हेमा मालिनी और शत्रुघ्न सिन्हा जैसे नाम शामिल हैं |इनमे से राजेश खन्ना ,अमिताभ बच्चन और गोविंदा जैसे कई सितारों ने राजनीती से तौबा कर ली |लेकिन इन सब के बावजूद अगर रजनीकांत राजनीति में भाजपा का हाथ थामते हैं तो विपक्ष के लिए वो बहुत बड़ा झटका होगा और अगर अपनी पार्टी बनाते हैं तो भी दक्षिण भारत की राजनीती में एक नई पार्टी और नए सितारे की चमक जरूर मौजूदा पार्टियों को परेशान करेगी |