शराब नही मिल रही तो कोई बात नहीं नीरा है न!

नीरा है हीरा…..
इन दिनो यह स्लोगन चर्चा मे है ,
और चर्चा मे रहने की भी वजह भी हैं,
चुकी यह स्लोगन सरकार द्वारा चलाया जा रहा है,और यह सिर्फ़ स्लोगन नही रह गया, रोजगार का एक माध्यम बन चुका है, अब तो आप समझ ही गए होगे हमारा इशारा किस तरफ है, कल तक एक खास जाती द्वारा परम्परागत  रोजगार ताड़ी अब आधुनिक जामा पहन चुकी है।
जी हा मित्रो सुबह सवेरे तार के बगान आम के.बगीचे मे मिलने वाली ताड़ी अब शहर.के चौक चौराहों के अलावा मौल मे फ्रिज करके नीरा के नाम पर छोटे – छोटे ग्लास मे मिलने लगा हैं, यह.अलग.बात है कि आमदनी का.यह जरिया जो एक खास तबके तक सिमटी था  वह अब ,मुख्य धारा मे शुमार हो गया हैं । बता दे कि जबसे बिहार में शराब बंदी हुई है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नीरा को पीने की सलाह लोगो को दी है।

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