राजस्थान के अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को लेकर हिंदू सेना ने दावा किया है कि यह स्थान पहले शिव मंदिर था। इस याचिका का आधार पूर्व न्यायिक अधिकारी हरबिलास शारदा की 1911 की पुस्तक है।
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे की याचिका स्वीकार होने के बाद अजमेर दरगाह के दीवान ने पहली बार मीडिया के सामने अपनी बात कही है और हिंदू सेना के दावे को खारिज किया है। जानिये क्या बोले दरगाह के दीवान
निचली अदालत के आदेश के बाद देश में अब अजमेर दरगाह को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने इस मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 800 साल पुरानी दरगाह में मुस्लिम और हिंदू भी आते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ […]
Ajmer: अजमेर में मौजूद प्रसिद्ध दरगाह को हिंदू मंदिर बताने वाली याचिका को निचली अदालत ने स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए 20 दिसंबर को अगली सुनवाई की तारीख तय की है। इस मामले में दरगाह दीवान ने अपना बयान दिया है।
अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करते हुए अजमेर सिविल कोर्ट में लगाई गई याचिका को कोर्ट ने सुनने योग्य माना है।