विश्वराज सिंह मेवाड़
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मेवाड़ राजघराने में धूणी दर्शन को लेकर पिछले तीन दिनों से चल रहे विवाद का पटाक्षेण बुधवार की शाम को हो गया। प्रशासन से चर्चा के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ ने शाम करीब छह बजे सिटी पैलेस पहुंचे और धूणी दर्शन की रस्म पूरी की।
धूणी दर्शन के साथ ही राजघराने में विवाद समाप्त हो गया। लेकिन पिछले चार दिनों से महलों से सड़कों पर आए इस विवाद ने मेवाड़ राजपरिवार की साख पर सवाल खड़े किए हैं। राजपरिवार के बीच चल रहा विवाद देश-प्रदेश में चर्चा में आ गया। तीन दिनों तक दोनों ही पक्षों ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का भी दौर चला। समाज के लोगों ने विश्वराज सिंह मेवाड़ का समर्थन किया। ये लोग प्रशासन से भी इस बात को लेकर अपील कर चुके थे कि प्रशासन अपने स्तर पर विश्वराज सिंह मेवाड़ को धूणी के दर्शन करवाने की व्यवस्था करे। लेकिन विश्वराज सिंह मेवाड़ के चाचा का परिवार इस बात को लेकिर राजी नहीं था। इसके बाद विवादित स्थल को लेकर प्रशासन को रिसीवर नियुक्त करना पड़ा। विवाद के बाद से ही सिटी पैलेस के दरवाजे बंद थे।
दोनों पक्षों से चर्चा के बाद प्रशासन ने की दर्शन की व्यवस्था
प्रशासन ने अपने स्तर पर दोनों पक्षों के बीच बात कर आखिर धूणी के दर्शन के लिए दोनों पक्षों में सहमति बनाई। उसके बाद बुधवार शाम को विश्वराज सिंह मेवाड़ धूणी के दर्शन करने पहुंचे। इसके साथ ही तीन दिनों से चल रहा विवाद खत्म हुआ। धूणी दर्शन के बाद समाजजनों में संतोष देखा गया।वहीं, दर्शन की रस्म पूरी होने के बाद जिला प्रशासन ने भी राहत की सांस ली।
बता दें कि इससे पहले सुबह विश्वराज सिंह मेवाड ने एकलिंगजी में दर्शन कर शोक भंग किया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में विश्वराज सिंह मेवाड़ के समर्थक साथ रहे। विश्वराज सिंह मेवाड़ धूणी दर्शन के लिए सलूंबर रावत देवव्रत सिंह और भिंडर राज परिवार के रणधीर सिंह भिंडर (पूर्व विधायक वल्लभनगर) के साथ पहुंचे। कलेक्टर अरविंद पोसवाल भी विश्वराज सिंह मेवाड़ के साथ रहे।